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प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे थे हिमाचल के ये चार चिकित्‍सक, हेल्थ डिपार्टमेंट ने किया सस्‍पेंड

IGMC और AIMM चमियाणा के 4 डॉक्टर लंबे समय से ड्यूटी से गायब पाए गए
प्राइवेट प्रेक्टिस, बिना अनुमति एम्स ज्वाइन करने और नोटिसों का जवाब न देने के आरोप
➤ हेल्थ डिपार्टमेंट ने चारों की सेवाएं समाप्त/सस्पेंशन के आदेश जारी किए


हिमाचल प्रदेश के IGMC शिमला और AIMM चमियाणा से लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों के खिलाफ हेल्थ डिपार्टमेंट ने कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। हेल्थ सेक्रेटरी एम सुधा देवी ने गुरुवार देर शाम इनकी सेवा समाप्ति/सस्पेंशन के आदेश जारी किए।

विभाग के अनुसार, इन डॉक्टरों पर ड्यूटी छोड़ने, प्राइवेट प्रेक्टिस करने, बिना अनुमति सरकारी सेवा छोड़ने, और नोटिसों का जवाब न देने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। कई बार नोटिस भेजे जाने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बाद कार्रवाई अनिवार्य हो गई।

कार्रवाई में जिन डॉक्टरों के नाम शामिल हैं, उनमें AIMM चमियाणा के सीटीवीएस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास कुमार, कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुनाल महाजन, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तुषार पाटियाल, और IGMC शिमला के बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार शामिल हैं।

डॉ. विकास कुमार 31 जुलाई 2022 से अनुपस्थित थे। विभागीय जांच में सामने आया कि वे एम्स बिलासपुर में एसोसिएट प्रोफेसर का पद ज्वाइन कर चुके थे, जबकि उन्होंने न तो सेवा छोड़ी थी और न अनुमति ली थी। तीन वर्ष से अधिक अनुपस्थिति और जवाब न देने पर उनकी सेवाएं सीसीएस (सीसीए) नियम–19 के तहत समाप्त कर दी गईं।

डॉ. कुनाल महाजन 1 अक्टूबर 2021 से गैरहाजिर थे। चार वर्ष से अधिक की अनुपस्थिति और विभागीय नोटिसों का कोई जवाब न देकर उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया। सरकार ने उनकी सेवाएं 1 अक्टूबर 2021 से समाप्त घोषित कर दीं और यह भी स्पष्ट किया कि वे पुनर्नियुक्ति के अधिकारी नहीं होंगे

डॉ. तुषार पाटियाल 31 अक्टूबर 2024 से ड्यूटी से नदारद थे। एक साल से अधिक समय तक अनुपस्थित रहने और कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब न देने के बाद विभाग ने उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दीं।

इसी तरह डॉ. नवीन कुमार 2 अगस्त 2022 से ड्यूटी पर नहीं आए। जांच में पता चला कि उन्होंने एम्स बठिंडा में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन कर लिया था, जबकि न तो NOC ली थी और न ही रिलीविंग ऑर्डर। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।